पता नहीं ये धरती कब तक हमारा बोझ सह पायेगी! पता नहीं ये धरती कब तक हमारा बोझ सह पायेगी!
अपनी पृथ्वी माँ को दिलों जान से। अपनी पृथ्वी माँ को दिलों जान से।
धरती माँ का प्यारा बेटा, देखो वो किसान कहलाता। धरती माँ का प्यारा बेटा, देखो वो किसान कहलाता।
धरती, अब समझा, माँ क्यों केहलाती है अनगिनत बीजों का गर्भ धारण करती है। धरती, अब समझा, माँ क्यों केहलाती है अनगिनत बीजों का गर्भ धारण करती है।
मैं घर जाकर आता हूँ , माँ को ख़बर किये देता हूँ छाता भी ले आता हूँ !! मैं घर जाकर आता हूँ , माँ को ख़बर किये देता हूँ छाता भी ले आता हूँ !!